जहिया से होलइ जमीनीया से दूरी,
अब कही कइसे अपन मजबूरी,
मनमा न लागत परदेशी अंगनमा,
छछनत रहे तबसे हमरे परनमा,
इ कैसन पढ़लि ,छूटलइ जनमभूंइयाँ
घर छुटल,खेत छुटल,छुटल सब कूंइयाँ,
गोरू बछड़वा के दरशन छूटल,
लंगोटि इयरवन से नेहियन टूटल,
खेल छुटल,मेल छूटल,छूटल धूरखेरी,
जहिया से होलइ जमीनीया से दूरी I
निलेश कुमार गौरव
Tuesday, March 7, 2017
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