शराब बंदी औ पीने वालों को काल कोठरी,
शर्त पूरी होगी अब कोहवर की,
तप्त लब के सिवा अब क्या नशा,
आँखों में ही ढूँढ़नी होगी मदिरा,
नहीं जाना कलाली की राहों में,
पायेंगें सुकून पिया की बाँहों में
निलेश कुमार गौरव
Sunday, January 29, 2017
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